सेंट उसामा अब रोज़ाना नौ से ग्यारह अपने प्यारे मद्दाहों से तोरा-बोरा के ग़ारों या दार-उल-हर्ब में मिलते हैं जहाँ भी वो जा के ठहरे हैं गाने पर पाबंदी है फूल लगाने और तस्वीर उतरवाने पर पाबंदी हे औरतें ना-महरम के साथ नज़र आएँ तो कोड़े और पत्थर मारे जाएँगे अमरीका के गुन गाने वालों के हाथ पैर और सर भी उतारे जाएँगे ख़बर नहीं कि सीधी राह पे चलने वाले मग़रिब में हैं या मशरिक़ में ये भी याद नहीं कि बच्चे आख़िरी बार कब स्कूल गए क़दम क़दम पर काँटे और बारूदी सुरंग बिछी हुई हैं जिन को नाकारा करने के सारे मंतर हाथों में बंदूक़ उठा के सेंट उसामा भूल गए जान बचाने वाली दवाओं की यारब कितनी क़िल्लत है कि बेचारे हर बंदे को जान देने की नई अदाएँ सिखलाते हैं अब रोज़ नौ से ग्यारह अपने प्यारे मद्दाहों को जन्नत में ले जाने वाली कई दुआएँ सिखलाते हैं