शहर हँसा और हँसते हँसते गाँव से बोला सुनो सुनो ऊँचे हैं मीनार मिरे बड़े बड़े बाज़ार मिरे कारें सब चमकीली हैं बसें भी नीली पीली हैं मिल भी हैं मशहूर बहुत मेहनत-कश मज़दूर बहुत गाँव हँसा और हँसते हँसते शहर से बोला सुनो सुनो फ़स्लें मेरी हरी हरी गेहूँ की बालीं भरी-भरी लोग जो सीधे सादे हैं धरती के शहज़ादे हैं सारे घर आबाद रहें बसने वाले शाद रहें हम कहते हैं दोनों ही तुम अपनी जगह पर सच्चे हो अपनी जगह पर अच्छे हो