तुम ने ही ये बात कही थी अब हम कभी न बिछड़ेंगे फिर हम कैसे बिछड़ गए फिर हम कैसे बिछड़ गए सुब्ह का सपना अगर है सच्चा साथ हमारा अगर है सच्चा फिर हम कैसे बिछड़ गए फिर हम कैसे बिछड़ गए उल्फ़त की लम्बी मंज़िल पर साथ मिरे तुम आए चल कर फिर हम कैसे बिछड़ गए फिर हम कैसे बिछड़ गए तुम ने मेरा साथ दिया था मेरे हाथ में हाथ दिया था फिर हम कैसे बिछड़ गए फिर हम कैसे बिछड़ गए क़ौल दिया था साथ चलेंगे दुख अग्नी में साथ जलेंगे फिर हम कैसे बिछड़ गए फिर हम कैसे बिछड़ गए हम थे जीवन के दो धारे कभी रुके न हिम्मत हारे फिर हम कैसे बिछड़ गए फिर हम कैसे बिछड़ गए