कोलम्बिया के दूर दराज़ देहातों में कोकीन की काश्त से पाबंदी उठा दी गई है शुमाली पुर्तगाल की सुर्ख़ माओं के सपने सुनहरे तम्बाकू के खेतों में जवान होते हैं चेरी के जंगलों की अक़बी सम्त से नीले परिंदे के सर झटकने से पहले बाँस की पटरी पर हवा की रेल ग़ुस्से भरी सीटी बजाती है भेड़ों के मुहाफ़िज़ कुत्ते की नींद ख़राब होती है वक़्त की वादी में सोई हुई सदी के वहशी होंटों को मफ़रूर लम्हा चूम सकता है जैकडेनियलज़ का मस्ख़-शुदा लेबल बोतल की राख सूँघता है कासनी महबूबा की बरहना पीठ पर सुरमई नॉवेल का हाथ रेंगता है ज़ब्त की दीवार में पैवस्ता शेल्फ़ की छाती पर औंधे मुँह पड़े पीले और बोसीदा मुसव्वदों से जिस्म की रूमानवियत को जाता रस्ता जिस की साकिन आग़ोश में नज़्म के सिगरेट-ज़दा होंटों से गिरती नुक़रई झुर्रियों के लाशे ऊँघ रहे हैं सारे मंज़र को एक अलमारी घूर रही है पंखे की भुनभुनाहट सो रही है