सुना था चाँद निकलेगा सुना था ईद आएगी सुना था एक रौनक़ कूचा-ओ-बाज़ार में होगी सुना था तुम भी आओगे सुना है चाँद निकला था सुना है रौनक़ें थीं कूचा-ओ-बाज़ार में हर सू सुना है ईद की ख़ुशियाँ मनाईं शहर में सब ने ये सब कुछ तो हुआ लेकिन बस इक तुम ही नहीं आए बताओ क्यूँ नहीं आए बताओ दीद कब होगी हमारी ईद कब होगी