खो गया है तू किन नज़ारों में मैं ने ढूँडा तुझे बहारों में सर्द बरसात की फुवारों में बाग़ की दिल-नशीं क़तारों में सर्व शमशाद और चनारों में गुल्सितानों में लाला-ज़ारों में वादियों और मुर्ग़-ज़ारों में मह-जबीनों में माह-पारों में दूर पुर-पेच कोहसारों में गर्म सहरा के रेगज़ारों में ग़ैर मानूस गहरे ग़ारों में हर तरफ़ पुर-ख़तर नज़ारों में और अब कर रहा हूँ तुझ को तलाश आसमाँ के हसीन तारों में