तेरा नाम By Nazm << जश्न-ए-नौशीन मेरा वतन मेरा चमन >> नारस लेता हूँ में क्या तेरा नाम सुब्ह सुब्ह या शाम तेरे आगे जोड़े हाथ मोड़े पाँव बस्ता-लब तू सुनता है मैं जपता हूँ जो दाने आठों पहर सातों दिन तेरे आगे बे-वजूद नारस लेता हूँ मैं क्या तेरा नाम Share on: