बिपता मोरी कौन सुनेगा तेरा सहारा शाह मुझे है बेरी तोरे प्यार में कमली हार गई दिल वार गई बिखर रही है तन्हाई में मुझ को बाँहों में भर ले कर तू मुझ को प्यार पिया जीवन तुझ पर वार दिया तोरे बिन मैं हूँ अधूरी हूँ तू छू ले तो पूरी हूँ वस्ल किया तो डरना क्या हिज्र न मुझ में भरना पिया प्यार निभाना होगा मुझ से रब्त बढ़ाना होगा मुझ से तू दरिया है मैं हूँ प्यासी बन के रहूँगी तेरी दासी दिल में मेरे आन बसे हो नैनाँ में भी तू ही जचे हो सर से पा ता चूमो मुझ को वादी वादी पर्बत पर्बत क़र्या क़र्या गुलशन गुलशन साथ में ले के घूमो मुझ को तेरी हूँ मैं तेरी रहूँगी तुझ बिन मैं तो जी न सकूँगी