तितली के पीछे पीछे तितली के पीछे पीछे हम भी दौड़े जाएँगे जा के देखेंगे ये रहती है कहाँ तितली आगे आगे जाए टोली हमारी दौड़ लगाए फाँद गए जो राह में आए सारे गमलों को फोड़ा सारे पौदों को तोड़ा हम भी बाज़ न आएँगे चले जाएँगे ये जाएगी जहाँ तितली के पीछे पीछे रंग-बिरंगी नन्ही तितली उड़ते उड़ते बाग़ से निकली पर्बत पर्बत वादी वादी किरनों की बस्ती में पहुँची ख़ुशबू की नगरी में पहुँची देख के दंग रह जाएँगे ऐसा देस हम ने देखा था कहाँ तितली के पीछे पीछे इस में प्यार ही प्यार भरा था प्यार का सूरज उभर रहा था रंग परों का निखर रहा था सारे थे दुख-सुख के साथी दिल में उल्फ़त और वफ़ा थी अब हम वापस जाएँगे और बसाएँगे इक ऐसा ही जहाँ तितली के पीछे पीछे