तोते वाला तोते लाया तोते लो तोते चिल्लाया सब्ज़ परों की वर्दी सब की टेढ़ी चोंच निराले ढब की तोते वाले को बुलवा कर इक तोते के दाम चुका कर क़ीमत दी और हम ने ख़रीदा लोहे के पिंजरे में रक्खा पिंजरे में इक रोटी डाली ख़ुश हो कर तोते ने उठा ली आप तो बस थोड़ा ही खाया कुतर कुतर कर ढेर लगाया हम ने उसे कुछ बोल सिखाए लफ़्ज़ बहुत से याद कराए दिन भर टें टें करता रहता फल ले ले के कुतरता रहता लफ़्ज़ बहुत से जान गया था जुमले भी पहचान गया था रटता रहता जुमले यही दो मिठ्ठू बेटे नबी जी भेजो सुब्ह अंधेरे शोर मचाता शोर मचा कर सब को जगाता क़ैद का यूँ दुख सहते सहते मुद्दत गुज़री रहते रहते इक दिन खिड़की खुली जो पाई फिर क्या था उस की बन आई देखो तोते की उस्तादी उड़ कर हासिल की आज़ादी अब ये बाग़ों में जाएगा यारों में जी बहलाएगा