क्या तुम्हारा नाम ऐन से शुरूअ' होता है मैं लुग़त खँगाल रहा हूँ किसी इश्वा-साज़ का नाम नहीं मिल रहा क्या तुम ने अपना नाम छुपा दिया क्या तुम्हारा नाम शीन से शुरूअ' होता है मैं नज़्में पढ़ रहा हूँ किसी शो'ला-रूख़ का नाम नहीं मिल रहा क्या तुम ने शाइ'रों को जल्वा नहीं दिखाया क्या तुम्हारा नाम क़ाफ़ से शुरूअ' होता है मैं सहीफ़े देख रहा हूँ किसी क़यामत-ख़िराम का नाम नहीं मिल रहा ख़ुदा तुम्हारा नाम लेना भूल गया मैं ऐन शीन और क़ाफ़ को मिला कर तुम्हारा नाम बना लेता हूँ आज से तुम मेरा इश्क़ हो