उम्मीद का दीपक By Nazm << मुदावा तल्ख़ियाँ >> इक रात अँधेरी है और वक़्त की आँधी है तुग़्यानी के आलम में इक रात घरौंदा है उम्मीद का दीपक है परवाने सा जज़्बा है इक मैं हूँ ख़ुदा भी है इक रोज़ सहर होगी इक रोज़ सहर होगी Share on: