चर्चा हर एक आन है उर्दू ज़बान का गिरवीदा कुल जहान है उर्दू ज़बान का इस लश्करी ज़बान की अज़्मत न पोछिए अज़्मत तो ख़ुद निशान है उर्दू ज़बान का गुमनामियों की धूप में जलता नहीं कभी जिस सर पे साएबान है उर्दू ज़बान का मशरिक़ का गुल्सिताँ हो कि मग़रिब का आशियाँ वीरान कब मकान है उर्दू ज़बान का 'सौदा' व 'मीर' व 'ग़ालिब' व 'इक़बाल' देख लो हर एक पासबान है उर्दू ज़बान का उर्दू ज़बान में है घुली शहद की मिठास लहजा भी मेहरबान है उर्दू ज़बान का तरवीज दे रहा है जो उर्दू ज़बान को बे शक वो बाग़बान है उर्दू ज़बान का मेहमान कह रहा है'' बड़ा ख़ुश-नसीब है जो शख़्स मेज़बान है उर्दू ज़बान का लोगो कहीं भी इस में पस-ओ-पेश कुछ नहीं इक मो'तरिफ़ जहान है उर्दू ज़बान का बोली है राब्ते की यही जोड़ती है दिल हर दिल में ऐसा मान है उर्दू ज़बान का वुसअ'त-पज़ीर दामन-ए-उर्दू है आज भी हर गोशा इक जहान है उर्दू ज़बान का करता है आबियारी लहू से अदीब जो वो दिल है जिस्म-ओ-जान है उर्दू ज़बान का आईं रुकावटें जो तरक़्क़ी में इस की कुछ समझो ये इम्तिहान है उर्दू ज़बान का पाएगा जल्द मंज़िल-ए-मक़्सूद बिल-यक़ीं जारी जो कारवान है उर्दू ज़बान का इज़्ज़त सुख़नवरान-ए-अदब की इसी है 'शाएर' भी तर्जुमान है उर्दू ज़बान का