ऐ वतन पाक वतन रूह-ए-रवान-ए-अहरार ऐ कि ज़र्रों में तिरे बू-ए-चमन रंग-ए-बहार ऐ कि ख़्वाबीदा तिरी ख़ाक में शाहाना वक़ार ऐ कि हर ख़ार तिरा रू-कश-ए-सद-रू-ए-निगार रेज़े अल्मास के तेरे ख़स-ओ-ख़ाशाक में हैं हड्डियाँ अपने बुज़ुर्गों की तिरी ख़ाक में हैं पाई ग़ुंचों में तिरे रंग की दुनिया हम ने तेरे काँटों से लिया दरस-ए-तमन्ना हम ने तेरे क़तरों से सुनी क़िरअत-ए-दरिया हम ने तेरे ज़र्रों में पढ़ी आयत-ए-सहरा हम ने क्या बताएँ कि तिरी बज़्म में क्या क्या देखा एक आईने में दुनिया का तमाशा देखा तेरी ही गर्दन-ए-रंगीं में हैं बाँहें अपनी तेरे ही इश्क़ में हैं सुब्ह की आहें अपनी तेरे ही हुस्न से रौशन हैं निगाहें अपनी कज हुईं तेरी ही महफ़िल में कुलाहें अपनी बाँकपन सीख लिया इश्क़ की उफ़्तादों से दिल लगाया भी तो तेरे ही परी-ज़ादों से पहले जिस चीज़ को देखा वो फ़ज़ा तेरी थी पहले जो कान में आई वो सदा तेरी थी पालना जिस ने हिलाया वो हवा तेरी थी जिस ने गहवारे में चूमा वो सबा तेरी थी अव्वलीं रक़्स हवा मस्त घटाएँ तेरी भीगी हैं अपनी मसें आब-ओ-हवा में तेरी ऐ वतन आज से क्या हम तिरे शैदाई हैं आँख जिस दिन से खुली तेरे तमन्नाई हैं मुद्दतों से तिरे जल्वों के तमाशाई हैं हम तो बचपन से तिरे आशिक़-ओ-सौदाई हैं भाई तिफ़्ली से हर इक आन जहाँ में तेरी बात तुतला के जो की भी तो ज़बाँ में तेरी हुस्न तेरे ही मनाज़िर ने दिखाया हम को तेरी ही सुब्ह के नग़्मों ने जगाया हम को तेरे ही अब्र ने झूलों में झुलाया हम को तेरे ही फूलों ने नौ-शाह बनाया हम को ख़ंदा-ए-गुल की ख़बर तेरी ज़बानी आई तेरे बाग़ों में हवा खा के जवानी आई तुझ से मुँह मोड़ के मुँह अपना दिखाएँगे कहाँ घर जो छोड़ेंगे तो फिर छावनी छाएँगे कहाँ बज़्म-ए-अग़्यार में आराम ये पाएँगे कहाँ तुझ से हम रूठ के जाएँ भी तो जाएँगे कहाँ तेरे हाथों में है क़िस्मत का नविश्ता अपना किस क़दर तुझ से भी मज़बूत है रिश्ता अपना ऐ वतन जोश है फिर क़ुव्वत-ए-ईमानी में ख़ौफ़ क्या दिल को सफ़ीना है जो तुग़्यानी में दिल से मसरूफ़ हैं हर तरह की क़ुर्बानी में महव हैं जो तिरी कश्ती की निगहबानी में ग़र्क़ करने को जो कहते हैं ज़माने वाले मुस्कुराते हैं तिरी नाव चलाने वाले हम ज़मीं को तिरी नापाक न होने देंगे तेरे दामन को कभी चाक न होने देंगे तुझ को जीते हैं तो ग़मनाक न होने देंगे ऐसी इक्सीर को यूँ ख़ाक न होने देंगे जी में ठानी है यही जी से गुज़र जाएँगे कम से कम वादा ये करते हैं कि मर जाएँगे