वो जो एस्ट्रोनॅाट चाँद से आए हैं पता नहीं कहा से झूटी तस्वीरें लाए हैं कोई बता दो उन को कोई बता दो उन को मेरा चाँद कैसा दिखता है कभी देखना पूनम की रात में एक धुंदली धुंदली सी छवी नज़र आएगी जैसे कोई बच्चा माँ से लिपटा हो वो जो एस्ट्रोनॅाट चाँद से आए हैं पता नहीं कहाँ से झूटी तस्वीरें लाए हैं कहते हैं चाँद मरुस्थल हैं अरे मैं ने तो कई रातें चाँद के पानी से पी कर गुज़ार दी एक रात बाढ़ आ गई चाँद पर सुब्ह गीला तकिया मैं ने धूप में सुखाया था वो जो एस्ट्रोनॅाट चाँद से आए हैं पता नहीं कहा से झूटी तस्वीरें लाए हैं चाँद की बदलती चाँदनी से कई दिल जुड़े हैं वो चाँद की अठखेलियों को कोई विग्यान बताते हैं कहते हैं एक उपग्रह है अरे हम तो बचपन से मामा कहते हैं वो जो एस्ट्रोनॅाट चाँद से आए हैं पता नहीं कहा से झूटी तस्वीरें लाए हैं वो जो शरमा के पल भर के लिए छुप जाता है उसे ऐ चंद्र पर ग्रहन कहते हैं उन्हें क्या पता कैसे गुज़ारता हूँ मैं अमावस की रातें बिना उस के वो जो एस्ट्रोनॅाट चाँद से आए हैं पता नहीं कहा से झूटी तस्वीरें लाए हैं मुझे लगता किसी ग़लत पते पर चले गए थे ऐ एस्ट्रोनॅाट और चाँद से है उन की पुरानी दुश्मनी इस लिए सारा दोश चाँद को देते हैं वो जो एस्ट्रोनॅाट चाँद से आए हैं पता नहीं कहा से झूटी तस्वीरें लाए हैं वो जो एस्ट्रोनॅाट चाँद से आए हैं पता नहीं कहा से झूटी तस्वीरें लाए हैं