वो इक सवाल जो तू ने किया था मैं उसी का जवाब ढूँढ रहा हूँ कभी सर्द रातों में कभी घनघोर बारिशों में कभी भूक प्यास में कभी तन्हा तेरी याद में कई सदियाँ गुज़ार दीं यूँ तेरे इंतिज़ार में मैं आ कर वहीं रुक गया जहाँ था तेरे ख़याल में फिर वापस वहीं उलझ गया तेरे सवाल के जवाब में सच में जो इक सवाल तू ने किया था मैं अभी भी उसी का जवाब ढूँढ रहा हूँ