सिंड्रेला की जूती भी खोई गई मुंजमिद क़स्र में इसनो-व्हाइट के फ़व्वारा चालीस फ़ुट की बुलंदी से मोती लुटाने लगा अपने ऐवान के मख़मली फ़र्श पर एक मछेरे की तम्माअ़' बीवी भी शम्स-ओ-क़मर पर हुकूमत की उम्मीद में अपने ख़्वाबों की दुनिया में तहलील होती गई हेनिस एँडरसन और गर्म भाइयों की तरब-नाक दुनिया की ख़ाकिस्तर गर्म से मैं फिर इक बार ज़िंदा हुआ और ईंटी-एलर्जिक के ख़्वाब-ए-आफ़रीं मुज़्महिल कैफ़ की सरहदों से बहुत दूर अपनी ही दुनिया में इक बार फिर सर के बिल चल के तलवार की धार पर ज़िंदगी के डी-बैकल की तज़ईन को पत्थर आँखों से तकता रहा