वॉर्ड नंबर 304 By Nazm << सितारे का गुमान मोर नाच >> अंधेरा मेरे सीने से निकल कर फैलता है चार-सू तो रात होती है यहाँ सूरज के उगने डूबने से कुछ नहीं होता Share on: