मुझ से बढ़ी है इल्म की दौलत देखने में हूँ मैं बे-क़ीमत जाहिल को बे-ज़ारी मुझ से आलिम की है यारी मुझ से मुझ में शेरों जैसी हिम्मत सच्चाई है मेरी ताक़त गरचे लगता छोटा सा हूँ काम बड़े पर मैं करता हूँ देखो तो बे-कार ही समझो लेकिन मैं अनमोल हूँ बच्चो तीर नहीं तलवार नहीं मैं दुश्मन पर भी बार नहीं मैं मेरी ताक़त को क्या जानो दाना हो तो तुम पहचानो काम अदालत में भी आऊँ प्यार मोहब्बत में भी आऊँ ख़त लिखना पैग़ाम भी देना साथ में सब का नाम भी देना पहचानो तो कौन हूँ प्यारे आता हूँ मैं काम तुम्हारे