बहुत मीठी हूँ मैं बहुत ख़ूब हूँ मैं हर इक बच्चे बच्ची को मर्ग़ूब हूँ मैं सफ़ेदी मिरी दूध से भी ज़ियादा है ओढ़ा हुआ बर्फ़ जैसा लबादा मुलाएम हूँ खोए की मानिंद बच्चो ज़रा मुझ को मुँह से लगा कर तो देखो कई रंगों में और कई ख़ुशबुओं में मैं मिलती हूँ हर तरह की महफ़िलों में ज़रा मुझ को पहचान कर तो बताना मैं क्या हूँ कहाँ पर है मेरा ठिकाना