रेल गाड़ी By बाल कविता, Paheli << समोसे क़ैंची >> काला चेहरा मुँह में आग चलने में गोया है नाग ठंडी आहें भरती जाए गाती जाए एक ही राग आँधी हो तूफ़ान या रात बढ़ती जाए भागम-भाग Share on: