दुनिया मेरी दीवानी है सूरत जानी पहचानी है बिन पैरों के चलता हूँ मैं काग़ज़ का इक टुकड़ा हूँ मैं रंग-बिरंगी सूरत मेरी सब के दिल में चाहत मेरी दुनिया भर में पाया जाऊँ हर मुश्किल में साथ निभाऊँ मज़दूरों का हूँ मैं प्यारा साहूकार की आँख का तारा बच्चा बच्चा मुझ पे फ़िदा है बूढ़ों का दिल मुझ से लगा है दुनिया का हर काम है मुझ से शोहरत मुझ से नाम है मुझ से मेरी ताक़त जो आ जाए निर्बल को बलवान बनाए समझ में आया नाम मिरा क्या पहचाना कुछ काम मिरा क्या