प्यार जीवन की उपवन हैमुझमे मै नहीं हूँ तुझमे तू नहीं हैतुझमे मै हूँ मुझमे तू है... फिर क्यों लगती हमकोएक तनहा सी दूरी हैदिल की ये मजबूरी हैमिलना तो जरुरी हैप्यार तो हर राहअनंत है अधूरी है !मिलन है चुभन हैयादों में डूबा मन हैखोया मेरा तन हैप्यार की भोली चितवन हैप्यार जीवन की उपवन हैतुम फूल मै शूल हूँमै फूल तुम शूल होपर भूल से भी प्यारीफूल ! ना कोई भूल हो !न तुम तुम रहोना मै मै रहूँहम दोनों मिलहर जनम हमतुम रहेंफिर तुम तुमऔर मै मै रहूँ क्योकि प्यारजीवन का उपवन है !