तुम हमें जान पाओ तुम्हें इतनी फ़ुरसत कहाँ थी Admin फुरसत शायरी रेख़्ता, Poetry << मज़बूरी में जब कोई जुदा हो... कोई खास फर्क नहीं पड़ता अ... >> तुम हमें जान पाओ तुम्हें इतनी फ़ुरसत कहाँ थी,और हम तुम्हें भुला पाते इतनी हममें जुररत कहाँ थी !! Share on: