आह! तेरे बग़ैर ये महताब By Qita << जो अपने क़ौल को क़ानून सम... अदब में आ गए ख़म ठोंक शाए... >> आह! तेरे बग़ैर ये महताब एक बे-सर की लाश हो जैसे किसी दोज़ख़ के आतिशीं ये फल आतिश-आमेज़ क़ाश हो जैसे Share on: