अदब में आ गए ख़म ठोंक शाएर By Qita << आह! तेरे बग़ैर ये महताब बाक़ी है कोई साथ तो बस एक... >> अदब में आ गए ख़म ठोंक शाएर ग़ज़ल क्या मेहरबानी कर रही है हसीनों का जो लिखती थी क़सीदा वो लड़की पहलवानी कर रही है Share on: