आज कुछ मुज़्महिल सी यादों के By Qita << आँसुओं में अलम का रंग न थ... रंग ओ बू-ए-गुलाब कह लूँगा >> आज कुछ मुज़्महिल सी यादों के यूँ सुलगने लगे हैं अफ़्साने जैसे इक नीम-सोज़ शम्अ के गिर्द सिसकियाँ ले रहे हों परवाने Share on: