रंग ओ बू-ए-गुलाब कह लूँगा By Qita << आज कुछ मुज़्महिल सी यादों... इक नई नज़्म कह रहा हूँ मै... >> रंग ओ बू-ए-गुलाब कह लूँगा मौज-ए-जाम-ए-शराब कह लूँगा लोग कहते हैं तेरा नाम न लूँ मैं तुझे माहताब कह लूँगा Share on: