आँखों के गुलाबों को नज़्मों में छुपा लूँगा By Qita << कौन इस देस में देगा हमें ... डस गई तेरी काएनात मुझे >> आँखों के गुलाबों को नज़्मों में छुपा लूँगा ज़ुल्फ़ों के उजालों से ग़ज़लों को सजा लूँगा होंटों से तराशूँगा अशआर की कलियों को सोई हुई नींदों से क़ितआत चुरा लूँगा Share on: