डस गई तेरी काएनात मुझे By Qita << आँखों के गुलाबों को नज़्म... हालात-ए-गुलिस्ताँ पे बहुत... >> डस गई तेरी काएनात मुझे खा गए तेरे हादसात मुझे जाने क्यूँ फिर भी आज तक तुझ पर प्यार आता है ऐ हयात मुझे Share on: