आप 'अकबर' लाख मश्क़-ए-ख़ुश-कलामी कीजिए By Qita << 'अकबर' की ख़ुराफ़... न छेड़ो मुझ से बातें ख़ैर... >> आप 'अकबर' लाख मश्क़-ए-ख़ुश-कलामी कीजिए कितना ही इज़हार-ए-ए'ज़ाज़-ए-दवामी कीजिए दोस्ती की आप से फ़ुर्सत नहीं उस शोख़ को या खिसकिये सामने से या ग़ुलामी कीजिए Share on: