न छेड़ो मुझ से बातें ख़ैर-ओ-शर की By Qita << ये तो हैं चंद ही जल्वे जो... दावर-ए-हश्र मुझे तेरी क़स... >> न छेड़ो मुझ से बातें ख़ैर-ओ-शर की मैं शाइ'र हूँ बस इतना मानता हूँ मोहब्बत का अगर ख़ालिक़ ख़ुदा है तो मैं ऐसे ख़ुदा को मानता हूँ Share on: