आप कराएँ हम से बीमा छोड़ें सब अंदेशों को By Qita << हल्का सब्ज़ा था जब याँ आई... मिरे कासा-ए-शब-ओ-रोज़ में >> आप कराएँ हम से बीमा छोड़ें सब अंदेशों को इस ख़िदमत में सब से बढ़ कर रौशन नाम हमारा है ख़ासी दौलत मिल जाएगी आप के बीवी बच्चों को आप तसल्ली से मर जाएँ बाक़ी काम हमारा है Share on: