हल्का सब्ज़ा था जब याँ आई थी By Qita << आँख खुल जाती है जब रात को... आप कराएँ हम से बीमा छोड़े... >> हल्का सब्ज़ा था जब याँ आई थी अब तो जंगल में फँस गई हो तुम इश्क़ मुझ से कोई मज़ाक़ नहीं जान दलदल में धँस गई हो तुम Share on: