अंजाम-ए-विसाल By Qita << ए'तिबार आरज़ू >> तुम आए नसीब जाग उट्ठा मायूस निगाह मुस्कुराई लेकिन कोई कह रहा है मुझ से अंजाम-ए-विसाल है जुदाई Share on: