अता हुई है मिरे दिल की सल्तनत तुझ को By Qita << जिस्म-ए-शफ़्फ़ाफ़ में शोल... आ गई फ़स्ल-ए-सुकूँ चाक-गर... >> अता हुई है मिरे दिल की सल्तनत तुझ को हरीम-ए-जाँ में उतर शम्-ए-दिलबरी ले कर गुज़र वफ़ा के शबिस्तान-ए-रंग-ओ-निकहत में मिज़ाज-ए-आदमी ओ शेवा-ए-परी ले कर Share on: