और कुछ दैर अभी ठहर जाओ By Qita << इश्क़ समझे थे जिस को वो श... दोपहर होने को है सन्ना गय... >> और कुछ देर अभी ठहर जाओ गरचे नूर-ए-सहर झलकता है यूँ तो बिछड़े हो बार-हा लेकिन जाने क्यूँ आज दिल धड़कता है Share on: