बख़िया तो उस से एक भी सीधा नहीं लगा By Qita << नई क़ुर्बत में खो रही हो ... मिरे ख़ुश-नज़र मिरे ख़ुश-... >> बख़िया तो उस से एक भी सीधा नहीं लगा आड़ा लगा दिया कोई तिरछा लगा दिया टेलर की बद-हवासियाँ मुझ से न पूछिए उस ने मिरी क़मीस में नेफ़ा लगा दिया Share on: