मिरे ख़ुश-नज़र मिरे ख़ुश-ख़बर By Qita << बख़िया तो उस से एक भी सीध... अगर मज़ार पे सूरज भी ला क... >> मिरे ख़ुश-नज़र मिरे ख़ुश-ख़बर ये जो रात है उसे टाल दे मिरे गुलिस्ताँ पे निगाह कर उसे अपना रंग-ए-जमाल दे Share on: