चाँद निकला है सर-ए-बाम लब-ए-बाम आओ By Qita << दावर-ए-हश्र मुझे तेरी क़स... उर्दू >> चाँद निकला है सर-ए-बाम लब-ए-बाम आओ दिल में अंदेशा-ए-अंजाम न आने पाए कुछ इस अंदाज़ से उतरो मिरी तन्हाई में खोज में गर्दिश-ए-अय्याम न आने पाए Share on: