ऐ ख़राबात के ख़ुदावंदो By Qita << फ़ाल आसरा जब भी कोई टूटे है >> ऐ ख़राबात के ख़ुदावंदो दस्त-ए-अल्ताफ़ को खुला रक्खो जो मोहब्बत से चल के आ जाए उस की उम्मीद को हरा रक्खो Share on: