ऐ कि तख़्लीक़-ए-बहर-ओ-बर के ख़ुदा By क़िस्मत, Qita << कामयाबी का है 'रईस... बोला दुकान-दार कि क्या चा... >> ऐ कि तख़्लीक़-ए-बहर-ओ-बर के ख़ुदा मुझ पे कितना करम किया तू ने मेरी कुटिया के दीप की ख़ातिर आँधियों को जनम दिया तू ने Share on: