रेल ने सीटी बजाई 'शोर' ओ 'दामन' चल दिए By Qita << रात बोझल भी है भयानक भी फिर भी करते हैं 'मीर&... >> रेल ने सीटी बजाई 'शोर' ओ 'दामन' चल दिए छा गया ऐसा नशात-ए-अक़्ल पर रंज-ओ-मलाल जैसे इक हस्सास को परदेस में सोने के वक़्त देस की महबूब ओ ना-हमवार गलियों का ख़याल Share on: