रात बोझल भी है भयानक भी By Qita << शम्-ए-ज़र्रीं की नर्म लौ ... रेल ने सीटी बजाई 'शोर... >> रात बोझल भी है भयानक भी दिल के मद्धम दिए में तेल नहीं जान देना बहुत कठिन ही सही ज़िंदा रहना भी कोई खेल नहीं Share on: