फिर हश्र के सामाँ हुए ऐवान-ए-हवस में By Qita << सोने चाँदी की चमकती हुई म... सेहन-ए-गुलशन में ढूँडती ह... >> फिर हश्र के सामाँ हुए ऐवान-ए-हवस में बैठे हैं ज़विल-अद्ल गुनहगार खड़े हैं हाँ जुर्म-ए-वफ़ा देखिए किस किस पे है साबित वो सारे ख़ता-कार सर-ए-दार खड़े हैं Share on: