ग़म की रातों के ख़्वाब लाया हूँ By Qita << अभी से लुत्फ़-ओ-मुरव्वत क... काम आईं शोख़ियाँ न अदा का... >> ग़म की रातों के ख़्वाब लाया हूँ हदिया-ए-इज़्तिराब लाया हूँ शोख़ लफ़्ज़ों के आबगीनों में आँसुओं की शराब लाया हूँ Share on: