हज़ार दर्द शब-ए-आरज़ू की राह में है By Qita << तजरबा है हमें मोहब्बत का दूर घाटी से सर उठा के शफ़... >> हज़ार दर्द शब-ए-आरज़ू की राह में है कोई ठिकाना बताओ कि क़ाफ़िला उतरे क़रीब और भी आओ कि शौक़-ए-दीद मिटे शराब और पिलाओ कि कुछ नशा उतरे Share on: