हम जो काफ़िर हैं सब की नज़रों में By Qita << खिले जो एक दरीचे में आज ह... रात की पुर-सुकूत ज़ुल्मत ... >> हम जो काफ़िर हैं सब की नज़रों में सीढ़ियाँ मस्जिदों की चढ़ते हैं कौन जाने वो मिल ही जाए हमें आज हम भी नमाज़ पढ़ते हैं Share on: