हम खस्ता-तनों से मुहतसिबो क्या माल-मनाल का पूछते हो By Qita << ये भी सच है कि मुझे दिल स... गिर रहे हैं बदन पे शाख़ स... >> हम खस्ता-तनों से मुहतसिबो क्या माल-मनाल का पूछते हो जो उम्र से हम ने भर-पाया सब सामने लाए देते हैं दामन में है मुश्त-ए-ख़ाक-ए-जिगर साग़र में है ख़ून-ए-हसरत-ए-मय लो हम ने दामन झाड़ दिया लो जाम उलटाए देते हैं Share on: