हम तो अपने दिल पे सारे सानेहे सह जाएँगे By Qita << सनसनाती हुई हवा की तरह अगर यूँही रहेगी हैरत-ए-इश... >> हम तो अपने दिल पे सारे सानेहे सह जाएँगे हाँ मगर आँसू गिरे तो दास्ताँ कह जाएँगे वो चला जाएगा इक दिन मुझ को तन्हा छोड़ कर दरमियाँ में फुर्क़तों के फ़ासले रह जाएँगे Share on: